मोरेना हत्याकांड: कटे हुए हाथ ने खोला अपराध का राज
अपराध स्थल: फोरेंसिक खजाना
यह मामला तब शुरू हुआ जब मोरेना के एक शांत इलाके के निवासियों ने एक मकान से लगातार बदबू आने की शिकायत की, जो राजेश शर्मा (नाम बदला गया) नामक एक मध्यम आयु के व्यक्ति का था, जो अकेला रहता था। 30 अप्रैल, 2025 को, पड़ोसियों ने ताला तोड़कर घर में प्रवेश किया और उन्हें एक चौंकाने वाला दृश्य दिखा: ड्राइंग रूम में एक कटा हुआ मानव हाथ। मोरेना पुलिस तुरंत हरकत में आई, और इसके बाद फोरेंसिक जांच का एक शानदार नमूना देखने को मिला।
अपराध स्थल साक्ष्यों का खजाना था। दीवारों पर खून के धब्बे, उलट-पलट फर्नीचर और पिछवाड़े की ओर एक निशान हिंसक संघर्ष की ओर इशारा करता था। कटा हुआ हाथ, हालांकि, इस जांच का केंद्रबिंदु था। एक उभरते फोरेंसिक विशेषज्ञ के रूप में, मैं इस खोज के महत्व को कम नहीं आंक सकता। एक मानव हाथ में ढेर सारी जानकारी होती है—उंगलियों के निशान, डीएनए, और ट्रेस साक्ष्य—जो किसी मामले को बना या बिगाड़ सकते हैं।
पड़ोसियों ने तोड़ा ताला
बदबू से परेशान होकर पड़ोसियों ने शर्मा के घर में जबरन प्रवेश किया, जहां एक कटा हुआ हाथ मिला और पुलिस जांच शुरू हुई।
फोरेंसिक विश्लेषण शुरू
हाथ के उंगलियों के निशान और डीएनए विश्लेषण ने पीड़ित की पहचान की पुष्टि की और अपराध को एक संदिग्ध से जोड़ा।
कटा हुआ हाथ: फोरेंसिक का रोसेटा स्टोन
कटा हुआ हाथ केवल एक भयावह अवशेष नहीं था; यह एक फोरेंसिक रोसेटा स्टोन था जिसने मामले को खोल दिया। ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (AFIS) का उपयोग करके, विशेषज्ञों ने पुष्टि की कि हाथ राजेश शर्मा का था। इससे किसी असंबंधित साक्ष्य को रखे जाने की संभावना खारिज हो गई।
फोरेंसिक पैथोलॉजिस्ट ने नोट किया कि हाथ को मृत्यु के बाद काटा गया था, संभवतः किसी तेज हथियार जैसे कुल्हाड़ी से। साफ कट ने शरीर को विखंडित करने की मंशा दिखाई, शायद निपटान को आसान करने के लिए। शर्मा के नाखूनों के नीचे मिले विदेशी डीएनए ने संघर्ष का संकेत दिया और पुलिस को 32 वर्षीय मजदूर विकास तोमर तक पहुंचाया।
प्रमुख फोरेंसिक निष्कर्ष
पिछवाड़े में शव: समयरेखा को जोड़ना
पिछवाड़े में एक उथली कब्र में शर्मा का शव मिलना और साक्ष्य प्रदान करता है। शव परीक्षण रिपोर्ट में कई चाकू के घाव मृत्यु का कारण बताए गए, और सड़न से पता चला कि मृत्यु लगभग 7-10 दिन पहले हुई थी। फोरेंसिक कीटविज्ञान और मिट्टी विश्लेषण ने संभवतः समयरेखा स्थापित करने में मदद की, हालांकि विशिष्ट विवरण की जानकारी नहीं है।
जांच के मुख्य बिंदु
कई चाकू के घाव और मृत्यु के बाद विखंडन की पुष्टि।
कीट गतिविधि ने मृत्यु के समय का अनुमान लगाने में मदद की।
संदिग्ध: फोरेंसिक साक्ष्य ने पक्का किया मामला
विकास तोमर की गिरफ्तारी फोरेंसिक साक्ष्य का प्रत्यक्ष परिणाम थी। शर्मा के नाखूनों के नीचे डीएनए और तोमर के पास मिले एक औजार पर खून के धब्बों ने उसकी नियति तय कर दी। हालांकि उसने दावा किया कि हत्या अनजाने में हुई, साक्ष्य एक सुनियोजित छिपाने की ओर इशारा करते हैं।
विकास तोमर हिरासत में है, उस पर हत्या और साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ के आरोप हैं। जांच संभावित सह-अपराधियों की तलाश में जारी है।
फोरेंसिक कार्य में चुनौतियां और जीत
सड़े हुए शव और बाहरी अपराध स्थल महत्वपूर्ण चुनौतियां पेश करते हैं, फिर भी मोरेना पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने महत्वपूर्ण साक्ष्य संरक्षित किए। यह मामला ग्रामीण भारत में फोरेंसिक विज्ञान की बढ़ती पहुंच को दर्शाता है, जो न्याय के लिए एक जीत है।
व्यापक प्रभाव: फोरेंसिक विज्ञान के लिए सबक
मोरेना मामला उभरते फोरेंसिक वैज्ञानिकों के लिए एक आह्वान है: अपनी कौशल को निखारें और छोटे से साक्ष्य को कभी कम न आंकें। यह सामुदायिक सतर्कता की भूमिका को भी उजागर करता है।
स्रोत
दैनिक भास्कर, "मोरेना में बदबू ने खोल दिया मर्डर का राज," 1 मई, 2025।
अमर उजाला, "एमपी: घर से आई बदबू, ताला तोड़कर देखा तो मिली एक हाथ," 1 मई, 2025।
ज़ी न्यूज़, "मोरेना मर्डर केस: पुलिस ने भयानक खोज के बाद संदिग्ध को पकड़ा," 2 मई, 2025।