पहल्गाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई

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पहल्गाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई

24 अप्रैल, 2025

जम्मू-कश्मीर के पहल्गाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की जान जाने के बाद, भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाने की घोषणा की है। सरकार ने पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की बैठक में यह अहम फैसले लिए गए, जो भारत की पाकिस्तान के प्रति नीति में एक बड़े बदलाव का संकेत देते हैं।

पहल्गाम हमला

22 अप्रैल, 2025 को, भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने पहल्गाम के पास बैसारन घाटी में पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक नेपाली नागरिक और भारतीय नौसेना के पूर्व लेफ्टिनेंट विनय नरवाल शामिल थे। पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के समर्थित समूह द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद से क्षेत्र का सबसे घातक हमला माना जा रहा है। इसने देशभर में आक्रोश फैला दिया है और जम्मू-कश्मीर की पर्यटन गतिविधियों को गहरा झटका दिया है।

सरकार की प्रतिक्रिया: प्रमुख फैसले

CCS बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की मौजूदगी में पांच प्रमुख कार्रवाइयों की घोषणा की गई:

  • सिंधु जल संधि स्थगित: भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुई सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता। यह कदम पाकिस्तान की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
  • अटारी-वाघा बॉर्डर बंद: अटारी-वाघा सीमा को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया है। वैध यात्रा अनुमतियों वाले लोग 1 मई, 2025 से पहले भारत लौट सकते हैं।
  • पाकिस्तानी नागरिकों की यात्रा पर प्रतिबंध: भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए SAARC वीज़ा छूट योजना (SVES) को रद्द कर दिया है। SVES के तहत भारत में रह रहे पाकिस्तानियों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
  • पाकिस्तानी राजनयिकों की निष्कासन: नई दिल्ली स्थित पाक उच्चायोग में कार्यरत पाकिस्तानी सैन्य, नौसेना, वायुसेना और रक्षा सलाहकारों को 'अवांछित व्यक्ति' घोषित कर एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने को कहा गया है। दोनों देशों के उच्चायोगों की कुल स्टाफ संख्या घटाकर 30 कर दी जाएगी।
  • राजनयिक संबंधों में कटौती: भारत ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को वापस बुला लिया है। साथ ही पाकिस्तान के कार्यवाहक उच्चायुक्त को तलब कर सैन्य राजनयिकों के निष्कासन की औपचारिक सूचना दी गई।

नेतृत्व की दृढ़ता

प्रधानमंत्री मोदी ने इस संकट से निपटने के लिए सऊदी अरब की अपनी यात्रा को बीच में ही रोक दिया और घोषणा की कि अपराधियों को “धरती के किसी भी कोने से ढूंढकर सज़ा दी जाएगी।” बिहार में एक कार्यक्रम में उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया। गृहमंत्री अमित शाह ने पहल्गाम का दौरा कर पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की और “मुंहतोड़ जवाब” देने का आश्वासन दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकियों के साथ-साथ साजिशकर्ताओं को भी निशाना बनाने की बात कही।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं

देशभर में इन फैसलों का स्वागत हुआ है। जम्मू-कश्मीर बीजेपी प्रमुख रविंदर रैना ने इन्हें “साहसी निर्णय” बताया और कहा, “पाकिस्तान कश्मीर में खून बहाता है, फिर यहीं से पानी पाकिस्तान को जाता है—यह स्वीकार्य नहीं है।” दिल्ली, जम्मू और हैदराबाद सहित कई शहरों में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका, रूस, कनाडा, इटली और अन्य देशों के नेताओं ने हमले की निंदा की और भारत के प्रति एकजुटता व्यक्त की। वहीं, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आरोपों को “फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन” कहकर खारिज कर दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने भारत की कार्रवाई का जवाब तय करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई है।

सुरक्षा कदम और जांच

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच का जिम्मा संभाल लिया है और हमले के सीमा पार संबंधों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। सुरक्षाबलों ने पहल्गाम में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है, जबकि कुलगाम और बारामुला में दो घुसपैठियों को मार गिराया गया है। भारतीय सेना के अनुसार, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 42 सक्रिय लॉन्च पैड हैं, जहां 110 से 130 आतंकवादी घुसपैठ की तैयारी में हैं।

कश्मीर पर प्रभाव

इस हमले से जम्मू-कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र को गंभीर झटका लगा है। यात्रा एजेंसियों ने भारी संख्या में बुकिंग रद्द होने की सूचना दी है। 2024 में जहां 2.3 करोड़ पर्यटक आए थे, अब उस क्षेत्र का भविष्य अनिश्चित नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने देशभर की राज्य सरकारों से कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।

निष्कर्ष

भारत सरकार की कार्रवाई आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति को दर्शाती है और पहल्गाम हमले में पाकिस्तान की कथित भूमिका के खिलाफ स्पष्ट रुख को जाहिर करती है। जैसे-जैसे जांच और सुरक्षा अभियान आगे बढ़ रहे हैं, देश न्याय की मांग में एकजुट है। आने वाले दिन अहम होंगे, जब पाकिस्तान प्रतिक्रिया देगा और भारत संभावित तनाव के लिए तैयार रहेगा।

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